Gurugram News Network-गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) ने निर्माण कार्यों में पीने के पानी के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए नगर निगम के नौ अधिकारियों को पत्र लिखा है।पत्र में निगम अधिकारियों को इलाके में सर्वे कर रोक लगाई जाए और लापरवाही बरतने वालों के चालान काट कर कार्रवाई की जाए।पत्र में कहा है कि निर्माण के लिए सीवर शोधन संयंत्र (एसटीपी) के शोधित पानी का हर इस्तेमाल करें।
बता दे कि जीएमडीए के पास सेक्टर-12ए, गुड़गांव गांव, सेक्टर 21, 22, 23-23ए, गांव डूंडाहेड़ा, सूर्या विहार कॉलोनी, सेक्टर 55, 56, 57, डीएलएफ फेस एक और दो के अलावा पुराने गुरुग्राम में पीने के पानी को लेकर शिकायत पहुंच रही है। जीएमडीए ने सर्वे में पाया कि इन इलाकों में कई इमारतों का निर्माण चल रहा है। निर्माण में पीने के पानी का इस्तेमाल हो रहा है, जिस वजह से पीने के पानी की समस्या गहराई है।
जीएमडीए की तरफ से निर्माण में पीने के पानी के इस्तेमाल पर सख्ती से प्रतिबंध लगाने को लेकर पत्र लिखा गया है। मौजूदा समय में गुरुग्राम में करीब दो हजार इमारतों का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसमें पीने के पानी का इस्तेमाल हो रहा है। बता दें कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने भी निर्माण कार्यों में सीवर शोधन संयंत्र से शोधित पानी का इस्तेमाल करने के आदेश जारी किए हुए हैं।
जीएमडीए के पास बसई और चंदू बुढेड़ा में जल शोधन संयंत्र हैं। इनकी क्षमता 570 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) है, जिनसे अधिकतम 600 एमएलडी पानी की सप्लाई हो सकती है। शहर में पानी की डिमांड करीब 675 एमएलडी है। मांग और सप्लाई में काफी अंतर होने के कारण इसकी पूर्ति के लिए नगर निगम को 600 बोरवैल से भूजल का दोहन करना पड़ता है।
अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह में डीएलएफ फेस दो में पीने के पानी को लेकर दो पक्षों के बीच झगड़ा हो गया था। डीएलएफ फेस दो के एम ब्लॉक के एक मकान में रह रहे परिवार ने साथ में बन रहे निर्माणाधीन मकान में पीने के पानी के इस्तेमाल पर ऐतराज जताया था। उन्होंने कहा था कि इस वजह से उनके घर में पीने का पानी नहीं पहुंच रहा है। इसको लेकर इमारत का निर्माण कर रहे बिल्डर ने इस परिवार पर लाठी से हमला बोल दिया था।